रंगोत्सव सार्थक हो जाए ( कविता)27-Mar-2024
रंगोत्सव सार्थक हो जाए
हंँसी, ख़ुशी और प्यार का, हम सब फैलाएँ रंग। होली मुबारक! सबको बोलें, सबके अलग-अलग हों ढंग।
होली का रंग लेकर आए, शांति , ख़ुशी और प्यार। रंगीन हो सबका जीवन, जीवंत तो जग- संसार।
होली के पकवान सा मीठा, जीवन का हर पल हो जाए। सतरंगों में रंग जाएंँ यादें, वैमनष्यता छू ना पाए।
ऋणात्मकता का दहन करें हम, सकारात्मक सोच जगाएँ। सार्थक होवे सबकी होली, जीवन का उपवन खिल जाए।
प्रेम का रंग चढ़े मानव पर, नफ़रत धरा पर टिक ना पाए। होली की सतरंगी बौछारें, सात्विकता का भाव जगाएँ।
सहयोग, सुमति सद्भाव रंग में, सब का अंतर्मन रंग जाए। सौभाग्य, सुयश प्रतिक्षण फैले, विश्व बंधुत्व का पाठ पढ़ाए।
ऐसी होली मना सकें तो, रंगोत्सव सार्थक हो जाए। जाति- धर्म की तोड़ दीवारें, मानवता जन-जन में जगाएँ।
साधना शाही, वाराणसी